विदुर उवाच
अभियुक्त्तं बलवता दुर्बलं हीनसाधनम्।
हृतस्वं कामिनं चोरमाविशन्ति प्रजागराः।।१।।
विदुरजी ने कहा : महाराज ! इन व्यक्त्तियों की नींद उड़ जाती है -
१. जिसका किसी बलवान के साथ विरोध हो गया हो।
२. जो स्वयं दुर्बल हो।
३. जो साधनहीन हो।
४. जिसका सब कुछ हर लिया गया हो।
५. काम - वासनाओं में लिप्त हो तथा चोर भी हो।
ऐसे ही लोगों को रात में जागने का रोग लग जाता है।
अभियुक्त्तं बलवता दुर्बलं हीनसाधनम्।
हृतस्वं कामिनं चोरमाविशन्ति प्रजागराः।।१।।
विदुरजी ने कहा : महाराज ! इन व्यक्त्तियों की नींद उड़ जाती है -
१. जिसका किसी बलवान के साथ विरोध हो गया हो।
२. जो स्वयं दुर्बल हो।
३. जो साधनहीन हो।
४. जिसका सब कुछ हर लिया गया हो।
५. काम - वासनाओं में लिप्त हो तथा चोर भी हो।
ऐसे ही लोगों को रात में जागने का रोग लग जाता है।
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