मद्यापनं कलहं पूगवैरं भार्यापत्योरन्तरं ज्ञातिभेदम्।
राजद्विष्टं स्त्रिपुंसयोर्विवादं वर्ज्यान्याहुर्यश्र्च पन्थाः प्रदुष्टः।।५.३।।
मदिरापान करना , कलह करना , समूह के साथ शत्रुता , पति - पत्नी में विरोध उत्पन्न करना , कुटुम्बजनों में भेद उत्पन्न करना , राजा से ईर्ष्या रखना , स्त्री और पुरुष में आपसी मतभेद करना आदि ये सब गलत रास्ते हैं। मनुष्यों को इन सबका त्याग कर देना चाहिये।
राजद्विष्टं स्त्रिपुंसयोर्विवादं वर्ज्यान्याहुर्यश्र्च पन्थाः प्रदुष्टः।।५.३।।
मदिरापान करना , कलह करना , समूह के साथ शत्रुता , पति - पत्नी में विरोध उत्पन्न करना , कुटुम्बजनों में भेद उत्पन्न करना , राजा से ईर्ष्या रखना , स्त्री और पुरुष में आपसी मतभेद करना आदि ये सब गलत रास्ते हैं। मनुष्यों को इन सबका त्याग कर देना चाहिये।