गुरुवार, 5 मई 2016

५.४ इन्हें गवाह मत बनाना

सामुद्रिकं वणिजं चोरपूर्वं शलाकधूर्तं च चिकित्सकं  च।
अरिं च मित्रं च कुशीलवं च नैतान्साक्ष्ये त्वधिकुर्वीत सप्त।।५.४।।

हाथ की रेखाओं को देखने वाला , चोरी किये गये धन से व्यापार करने वाला , जुआ खेलने वाला चिकित्सक , शत्रु , मित्र तथा नर्तक इन सातों को कदापि गवाह नहीं बनाना चाहिये।

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