सामुद्रिकं वणिजं चोरपूर्वं शलाकधूर्तं च चिकित्सकं च।
अरिं च मित्रं च कुशीलवं च नैतान्साक्ष्ये त्वधिकुर्वीत सप्त।।५.४।।
हाथ की रेखाओं को देखने वाला , चोरी किये गये धन से व्यापार करने वाला , जुआ खेलने वाला चिकित्सक , शत्रु , मित्र तथा नर्तक इन सातों को कदापि गवाह नहीं बनाना चाहिये।
अरिं च मित्रं च कुशीलवं च नैतान्साक्ष्ये त्वधिकुर्वीत सप्त।।५.४।।
हाथ की रेखाओं को देखने वाला , चोरी किये गये धन से व्यापार करने वाला , जुआ खेलने वाला चिकित्सक , शत्रु , मित्र तथा नर्तक इन सातों को कदापि गवाह नहीं बनाना चाहिये।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें