शुक्रवार, 1 अप्रैल 2016

३.३३ उत्तम और अधम का ज्ञान

देशाचारान्समयान् जातिधर्मान् बुभूषते यः स परावरज्ञः।
स यत्र तत्राभिगतः सदैव महाजनस्याधिपत्यं करोति।।३.३३।।

जो व्यक्त्ति देश के व्यवहार , लोगों के आचरण और जाति - धर्म को जानने की इच्छा करता है , उसे उत्तम और अधम का ज्ञान हो जाता है , वह जहां भी जाता है , विशाल जनसमूह पर हमेशा अपना अधिकार स्थापित कर लेता है।

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