यज्ञो दानमध्ययनं तपश्र्च चत्वार्येतान्यन्ववेतानि सदिभः।
दमः सत्यमार्जवमानृशंस्य चत्वार्येतान्यनुयान्ति सन्तः।।५.११।।
यज्ञ , दान , अध्ययन और तप , ये चार गुण सदैव सज्जनों से सम्बन्ध रखते हैं। इन्द्रियों का दमन , सत्य , नम्र स्वभाव बनाये रखना और कोमलता , ये चार गुण ऐसे हैं जिनका अनुसरण सज्जन लोग करते हैं।
दमः सत्यमार्जवमानृशंस्य चत्वार्येतान्यनुयान्ति सन्तः।।५.११।।
यज्ञ , दान , अध्ययन और तप , ये चार गुण सदैव सज्जनों से सम्बन्ध रखते हैं। इन्द्रियों का दमन , सत्य , नम्र स्वभाव बनाये रखना और कोमलता , ये चार गुण ऐसे हैं जिनका अनुसरण सज्जन लोग करते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें