सोमवार, 23 मई 2016

५.११ सज्जन के गुण

यज्ञो दानमध्ययनं तपश्र्च चत्वार्येतान्यन्ववेतानि सदिभः।
दमः सत्यमार्जवमानृशंस्य चत्वार्येतान्यनुयान्ति सन्तः।।५.११।। 

यज्ञ , दान , अध्ययन और तप , ये चार गुण सदैव सज्जनों से सम्बन्ध रखते हैं।  इन्द्रियों का दमन , सत्य , नम्र स्वभाव बनाये रखना और कोमलता , ये चार गुण ऐसे हैं जिनका अनुसरण सज्जन लोग करते हैं।

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