मंगलवार, 24 मई 2016

५.१४ स्वर्ग प्राप्ति

सत्यं रूपं श्रुतं विद्या कौल्यं शीलबलं धनम्।
शौर्यं च चित्रभाष्यं च दशेमे स्वर्गयोनयः।।५.१४।।

सच बोलना , विनयशील होना , शास्त्रों का ज्ञान , विद्या , कुलीनता , शालीनता , बल , धन , शूरता - वीरता  तथा चमत्कारपूर्ण तरीके से बातें करना - यह दस स्वर्ग प्राप्ति के साधन हैं अर्थात् व्यक्त्ति को इनका अनुसरण करना चाहिये तभी वह स्वर्ग प्राप्त करेगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें