यक्ष उवाच
किंस्विदेको विचरते जातः को जायते पुनः।
किंस्विद्धिमस्य भैषज्यं किंस्विदावपनं महत्।।२.१२.१।।
इस जगत में अकेला कौन विचरण करता है ?
जन्म लेने के बाद पुनः जन्म कौन लेता है ?
सर्दी की औषधि क्या है ?
सबसे बड़ा क्षेत्र कौन - सा है ?
युधिष्ठिर उवाच
सूर्य एको विचरते चन्द्रमा जायते पुनः।
अग्निर्हिमस्य भैषज्यं भूमिरापवनं महत्।।२.१२.२।।
इस सम्पूर्ण जगत् में सूर्य ही अकेला विचरण करता है।
जन्म लेने के पश्र्चात् चन्द्रमा ही बढ़ता है अर्थात् घटता - बढ़ता है।
सर्दी की औषधि आग है।
बीजारोपण हेतु सबसे विशाल क्षेत्र धरती है।
किंस्विदेको विचरते जातः को जायते पुनः।
किंस्विद्धिमस्य भैषज्यं किंस्विदावपनं महत्।।२.१२.१।।
इस जगत में अकेला कौन विचरण करता है ?
जन्म लेने के बाद पुनः जन्म कौन लेता है ?
सर्दी की औषधि क्या है ?
सबसे बड़ा क्षेत्र कौन - सा है ?
युधिष्ठिर उवाच
सूर्य एको विचरते चन्द्रमा जायते पुनः।
अग्निर्हिमस्य भैषज्यं भूमिरापवनं महत्।।२.१२.२।।
इस सम्पूर्ण जगत् में सूर्य ही अकेला विचरण करता है।
जन्म लेने के पश्र्चात् चन्द्रमा ही बढ़ता है अर्थात् घटता - बढ़ता है।
सर्दी की औषधि आग है।
बीजारोपण हेतु सबसे विशाल क्षेत्र धरती है।
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